करनाल । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज, करनाल में स्वास्थ्य क्षेत्र की 820.92 करोड़ की 5 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 2030 तक प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू हो जायेगा। योग सहायकों को अल्पावधि का डायटीशियन का कोर्स कराया जायेगा। सभी नागरिकों के लिये यूनिवर्सिल हैल्थ इंश्योरेंस लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री ने 5 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें 169.58 करोड़ की लागत से कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज के द्वितीय चरण का निर्माण, 33.41 करोड़ की लागत से पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कुटेल में प्राइवेट वार्ड का निर्माण, 419.13 करोड़ की लागत से भगत फूल सिंह राजकीय मेडिकल कालेज खानपुर कलां (सोनीपत) के तृतीय चरण का निर्माण, 155.36 करोड़ की लागत से पंडित भगवत दयाल शर्मा पीजीआईएमएस रोहतक में प्राइवेट वार्ड कॉम्प्लेक्स का निर्माण और 43.44 करोड़ की लागत से राजकीय नर्सिंग कालेज सफीदों (जींद) का निर्माण शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा चिकित्सा क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिय 2015 में हर जिला में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया था। आज प्रदेश के 12 जिलों में मेडिकल कालेज शुरू हो चुके हैं। रेवाड़ी में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 वें एम्स का शिलान्यास किया है। नौ अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन हैं। तीन कॉलेजों के लिये जमीन ले ली गई है, वहां संभव हुआ तो आचार संहिता लागू होने से पहले शिलान्यास कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 2030 तक हर जिला में मेडिकल कालेज शुरू हो जायेगा।
प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 21 सौ हो गई
सीएम ने कहा कि 2014 में प्रदेश में एमबीबीएस की 750 सीटें थीं और इनकी संख्या बढक़र 21 सौ हो गई हैं। 2030 में सभी जिलों में मेडिकल कालेज शुरू होने के बाद एमबीबीएस में प्रवेश के लिये 3600 सीटें उपलब्ध होंगी। प्रदेश में 28 हजार डॉक्टरों की जरूरत है। 2030 तक यह आवश्यता 35 से 40 हजार तक हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 6 साल में इस जरूरत को पूरा कर लिया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि हर गांव में आबादी अनुसार एक या दो डाक्टर उपलब्ध कराये जायें।
आयुष्मान भारत योजना की आय सीमा बढ़ाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना पहले बीपीएल परिवारों के लिये थी और उसमें आय सीमा 1.20 लाख रुपये थी जिसे बढ़ाकर सरकार ने 1.80 लाख किया। ऐसा करने से 29 लाख परिवार इसके तहत कवर हुये। फिर आय सीमा 1.80 से बढ़ा कर 3 लाख रुपये तक की गई। इसके तहत योजना का लाभ उठाने वालों के लिये 15 सौ रुपये सालाना प्रीमियम निर्धारित किया गया। ऐसा करने से योजना में 7 लाख परिवार और बढ़ गये। अब सरकार ने आय सीमा हटाकर सभी के लिये योजना लागू करने का निर्णय लिया है। तीन से छह लाख रुपए आय वालों को सालाना 4 हजार रुपए और 6 लाख से अधिक आय वालों को 5 हजार रुपये प्रीमियम अदा करना होगा। सभी नागरिकों के लिये यूनिवर्सिल हैल्थ इंश्योरेंस कवर लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 24 प्रतिशत की वृद्धि करके इसे 9500 करोड़ का किया है। निरोगी योजना के तहत 2 साल के अंदर हर नागरिक की स्वास्थ्य जांच की जायेगी। अब तक 2 करोड़ 26 लाख लोगों के लैब टेस्ट किये जा चुके हैं।