- संजय’ नामक लोकेशन इंटेलिजेंस प्लेटफार्म किया लांच
- उपायुक्त हर माह सड़क सुरक्षा संगठनों के साथ करेंगें मासिक बैठकें
चंडीगढ़.
हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जाएगा। इसके लिए जिलें में उपायुक्त हर माह सड़क सुरक्षा संगठनों के साथ मासिक बैठकें आयोजित करेंगें। इसके अलावा लोगों को जागरूक एवं सचेत करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
मुख्य सचिव आज यहां भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, मद्रास के सड़क सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र द्वारा विकसित ‘संजय’ के नामक लोकेशन इंटेलिजेंस प्लेटफार्म लांच कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाभारत के धृतराष्ट्र के संजय के वृतांत की तरह लोग अपने दिमाग में इस एप को सदैव याद रखेंगे ओर इससे सड़क दुर्घटनाओं में अवश्य ही कमी आएगी। इसके अलावा डाटा एकत्र करने में भी ‘संजय’ एप की मदद ली जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह एप टूल सड़क-स्वामित्व वाली एजेंसियों, कानून प्रवर्तन, आपातकालीन सेवा प्रदाताओं और अन्य सड़क सुरक्षा हितधारकों के लिए काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी इस टूल की मदद से हाई फ्रीक्वेंसी एक्सीडेंट जोन से सम्बन्धित डेटा जुटाकर योजना लक्षित हस्तक्षेप अमल में लाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में इस समय सड़क दुर्घटनाओं और इनके कारण होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित 2022 के दुर्घटना आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में लगभग 60 प्रतिशत मौतों में से 5 प्रतिशत मौत सड़कों (राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग) पर हुईं। देश में सड़क दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों में 83.4 प्रतिशत हिस्सा 18 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के कामकाजी लोगों का है, जिससे परिवार और समाज पर बड़े पैमाने पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, इनसे राष्ट्र को भी एक बड़ी सामाजिक-आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती है। हरियाणा के सात जिलों में वर्ष 2022 के दौरान दुर्घटनाएं अधिक हुई जिन पर विशेष रूप से फोकस रखा जाएगा। इसके अलावा हाई स्पीड, लापरवाही से ड्राईविंग करना, खतरनाक ओवरटेकिंग, लेन चेंजिंग, डंªकंन ड्राईविंग के प्रति भी विशेष रूप से जागरूक एवं सचेत किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि ‘संजय’ हितधारकों के लिए दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट और उभरते ब्लैक स्पॉट का पता लगाने का एक सिंगल प्लेटफार्म होगा। इससे यह निर्धारित किया जा सकेगा कि कहां व किस प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकताओं से दुर्घटनाओं में कमी लाकर जान व माल के होने वाले नुकसान को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म में हीटमैप टैंªड पैर्टन के रूप में विजुअलाइजर के साथ किलोमीटर विश्लेषण, कॉरिडोर विश्लेषण, कलस्टर विश्लेषण, बिन्दु त्रिज्या विश्लेषण करने के उपकरण भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस प्लेटफार्म में राज्यों, जिलों और पुलिस सीमाओं के अधिकार-क्षेत्र के अनुसार क्रमबद्ध, देशभर में ब्लैक स्पॉट और उभरते ब्लैक स्पॉट का मानचित्रण-आधारित विश्लेषण करने के साथ-साथ, वांछित क्षेत्र में क्रैश पैटर्न की बेहतर समझ पैदा करने के लिए डेटा के इन्फोग्राफिक और विजुअल डिस्पले जैसी विशेषताएं भी होंगी। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनन्द मोहन शरण, अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा, प्रबंध निदेशक एचएसआईडीसी यश गर्ग, परिवहन आयुक्त श्री यशेन्द्र सिंह सहित भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, मद्रास के वेंकटेश बाला सुब्रहमन्य कई पदाधिकारी मौजूद रहे।