विजिलेंस ने डाक्टर, उसके सहायक सहित तीन अन्य के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया

 

चंडीगढ़ : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रही मुहिम के दौरान झूठी डाक्टरी रिपोर्ट ( एम. एल. आर.) जारी करने के बदले रिश्वत लेने के आरोप में एक सरकारी डाक्टर और उसके सहायक समेत कुल पाँच मुलजिमों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस मामले में एक दर्जा- 4 मुलाज़िम को रिश्वत लेने के अआरोप में गिरफ़्तार कर लिया है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में कुल पाँच मुलजिमों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, 7-ए और आइपीसी की धारा 193, 465, 466, 471, 120-बी के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है, जिनमें सिवल हस्पताल फ़िरोज़पुर में तैनात डा. शशि भूषण, उसका सहायक राम प्रसाद उर्फ छोटू, जो कि अस्पताल में दर्जा- 4 मुलाज़िम है, के अलावा तीन आम व्यक्ति रेखा, उसका पिता शम्मी और माता आशा, सभी निवासी खटीक मंडी, फ़िरोज़पुर छावनी, शामिल हैं।
उन्होंने आगे बताया कि इस सम्बन्धी एक शिकायत की पड़ताल के दौरान पता लगा कि शिकायतकर्ता तरसेम का अपनी पत्नी रेखा के साथ झगड़ा हुआ था, जिसमें 09. 07. 2020 को उसके ससुर परिवार की तरफ से उसके दाहिने हाथ की हड्डी और बायीं टांग की हड्डी तोड़ दी गई थी। इस सम्बन्धी उसकी पत्नी रेखा, सास आशा, ससुर शम्मी और साला सोनू के खि़लाफ़ थाना सिटी फ़िरोज़पुर में केस दर्ज किया गया था।

शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो को बताया कि मोबाइल फ़ोन की एप्लीकेशन में चैक किया था कि उसकी पत्नी रेखा और उसके उक्त पारिवारिक मैंबर उक्त दर्जा- 4 कर्मचारी राम प्रसाद उर्फ छोटू को रिश्वत दे रहे थे, जिसने आगे डा. शशि भूषण को वह रिश्वत सुपुर्द की थी जिससे तरसेम ( शिकायतकर्ता) पर झूठा और फ़र्ज़ी केस दर्ज करवा के उसको उलझाया जा सके। मुलजिम छोटू इस मामले में उक्त डाक्टर के लिए रिश्वत लेने और उसको आगे देने के लिए बातचीत के द्वारा मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस झूठी एम. एल. आर. के आधार पर उक्त तरसेम और उसके पिता रफीक के खि़लाफ़ पुलिस केस दर्ज करवा दिया गया। पड़ताल के दौरान सिवल हस्पताल फ़िरोज़पुर से प्राप्त रिकार्ड अनुसार उक्त एम. एल. आर. जाली पायी गई। शिकायतकर्ता ने राम प्रसाद छोटू और डा. शशि भूषण समेत अपने ससुराल परिवार के उक्त सदस्यों के विरुद्ध सबूत के तौर पर विजीलैंस ब्यूरो को एक सीडी सौंपी जिसमें उक्त मुलजिमों से मोटी रिश्वत लेकर जाली मैडीकल सर्टिफिकेट जारी करने का झूठ साबित हो गया।
उन्होंने आगे बताया कि विजीलैंस रेंज फ़िरोज़पुर की तरफ से जाँच के आधार पर उक्त सभी दोषियों के खि़लाफ़ मामला दर्ज करके कर्मचारी राम प्रसाद को गिरफ़्तार कर लिया गया है। बाकी मुलजिमों की गिरफ़्तारी के लिए ब्यूरो की तरफ से छापेमारी जारी है और केस की आगे जांच चल रही है।

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