नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित TMC नेता शाहजहां शेख की 12.78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है, जिसमें बैंक जमा, एक अपार्टमेंट और संदेशखली और कोलकाता में कृषि और मछली पालन भूमि शामिल है। इन संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक अंतिम आदेश जारी किया गया है। शेख के समर्थकों पर आरोप है कि उसने 5 जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गई ईडी टीम पर हमला किया था।
जांच एजेंसी के बयान में कहा गया, ‘ईडी ने अचल और चल संपत्तियों के रूप में अपराध से अर्जित 12.78 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जब्त की है। इनमें अपार्टमेंट के तौर पर 14 अचल संपत्तियां शामिल हैं। ग्राम सरबेरिया, संदेशखली और कोलकाता में कृषि भूमि, मछली पालन के लिए जमीन और भवन भी इन्हीं में हैं। साथ ही 2 बैंक खाते भी कुर्क किए गए हैं।’ पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत शेख के खिलाफ FIR दर्ज किए थे, जिनके आधार पर ईडी की टीम ने उसके खिलाफ ऐक्शन लेना शुरू किया। इनमें आर्म्स एक्ट, एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम प्रमुख हैं।
इस बीच, CBI ने ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए राज्य की पुलिस से संपर्क किया है। सीबीआई की टीम शाहजहां शेख को हिरासत में लेने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के साथ कोलकाता में CID के दफ्तर भी पहुंची। शेख को हमले के सिलसिले में राज्य पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले दिन में, कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि हमले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि शेख को मंगलवार शाम साढ़े 4 बजे तक सीबीआई की हिरासत में दे दिया जाए। हालांकि, उच्च न्यायालय के आदेश को पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ ही घंटों के अंदर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।