55वां मूर्ति स्थापना समारोह पूर्णाहुति के उपरांत संपन्न

  • कथा व्यास ने भक्ति रस सुनाकर श्रद्धालुओं को किया भाव विभोर
  • भगवान को पाने का सर्वोत्तम मार्ग भक्तिः कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री

चंडीगढ़

भगवान को प्राप्त करने के लिए भक्ति मार्ग को शास्त्रों में सर्वोत्तम मार्ग माना गया है। भक्ति के प्रभाव से ही जीव भगवान को पाने में समर्थ होता है। यह प्रवचन कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने सेक्टर 23 डी स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा (साधु आश्रम) में पूज्यपाद ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्रीश्री 108 श्री मुनि गौरवा नंद गिरि जी महाराज की प्ररेणा से परम्परानुसार 55वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह के अंतिम दिन साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को दिया।

समारोह के अंतिम दिन विधि विधान के साथ भगवान का पूजन-अर्चना व हवन किया गया और पूर्णाहुति के पश्चात समारोह को सम्पन्न किया गया। इस दौरान प्रधान दिलीप चंद गुप्ता, सांस्कृतिक सचिव पं. दीप भारद्वाज, उप प्रधान ओपी पाहवा, महासचिव एस आर कश्यप, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता, कार्यालय सचिव नंदलाल शर्मा, ऑडिटर नरेश महाजन अन्य सदस्यगण व श्रद्धालु उपस्थित थे।

कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण सुदामा जी का संवाद का श्रवण कराते हुए संदेश दिया कि हृदय से प्रभु के प्रति अपनापन होना चाहिए।

इस अवसर पर सभा के प्रधान दलीप चंद गुप्ता ने इस आयोजन के सफल बनाने में सभा के सभी सदस्यों व श्रद्धालुओं का आभार जताया और कहा कि प्रति वर्ष यह आयोजन किया जाता है और भविष्य में भी हर्षोल्लास के साथ किया जाएगा। समारोह के समापन पर प्रसाद व भण्डारा वितरित किया गया।

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