- कानन का संसार में सबसे बड़ा प्लेट फार्म हैं। जिस पर 600 से ज्यादा यूनीविर्सिटी और कालेज
- इमीग्रेशन के नाम पर धोखधड़ी से बचाने के लिए सरकार सख्त कानून बनाए
- बिदेश भेजने से पहले अभिभावक पहले बजट बनाएं, शोर्टकट से बचें,
करनाल
कनाडा सरकार द्वारा जी आई सी फीस को दो गुना करने से वहां पर पढऩे कें लिए जाने वाले विद्यार्थियों को फायदा होगा। इसके बाद बीजा रिफ्ूजल के मामले भी कम होंगे। यह जानकारी कानन इंटरनैशनल के करनाल के संचालक राकेश सचदेवा ने दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद बच्चों के पास बिदेश में धन बचेगा। उनके सामने पैसा कमाने की मजबूरी नहीं होगी। उन्हेांने कहा कि जो बच्व्चे जोते ही कमाई में फंस जाते हैं। उनकी पढ़ाई चौपट हो जाती हैं। वह गलत रास्ता अख्तयार करने लगते हैं। वह पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह कहना चाहेेंगे कि बच्चों को जाने से पहले सरकारी कालेज और विश्वालयों को प्राथमिकता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को विश्वविद्यालय में जाने के लिए आवेदन अपने ई मेल आई डी से करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जीआई सी को दोगुनी करने से बच्चों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि उनके पास 17 से अधिक बैंकों का कांट्रेक्ट हैं। जो जीआई सी के लिए स्टडी लोन मुहैया करवाते है। उनके पास 600 से अधिक कालेज हैं। जिनके साथ उनका टाई अप हैं। उन्होंने बताया कि वह इस क्षेत्र में 2008 से जुडे हुए हैं। वह बाद में कानन इंरनैशनल के साथ जुडे। उनकी पहली फै्रंचाइजी थी आज पैन इंडिया में इसकी तीस शाखाएं हैं। इसकी शाखा टोरेंटों में भी हैं। इसका मुख्यालय गुजरात के बढ़ौदरा में हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों को धोखाधड़ी से बचने के लिए एजेंट की पूरी जांच करें। यह पता करें कि उसके पास संबंधित देश का लाइसैंस हैं या हीं या फिर किसी रेपुअेड ऐजेंसी के साथ जुडे हुए हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि उनके पास कनाडा, यूएसए आस्ट्रेलिया और यूके भेजने की विशेषज्ञता हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास आई लेट , जर्मनी फ्रैंच के साथ हर तरह की पढ़ाई की कोंचिंग करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि उनके पास इंटनैशनल प्लेट फार्म हैं। उन्होंने बताया कि इमीग्रेशन के लिए अहर्ता तय हेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकार कानून बनाए। सरकार इसके लिए पैरामीटर बनाए। उन्होंने बतायाकि संंबधित देश का चयन करने से पहले अपना बजटठ देखना चाहिए। बच्चे की आहर्ता भी देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शार्ट कट से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी के लिए बच्चे और उनके अभिभावक भी कम दोषी नहीं है। बात विदेश भेजने की नहीं उनका करियर बनाने की हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजें। धन कमाने की मशीन नहीं बनाएं। उन्होंने कहा कि धोखधड़ी से बचने के लिए उनके पास आएं। वह पहले तीन दिन की डेमो क्लास भी देते हैं।