चंडीगढ़। एशियन बैडमिंटन टीम चैम्पियनशिप में भारतीय विमन टीम ने पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा, लेकिन प्लेयर्स को जोश दिलाने का क्रेडिट पूरी टीम को जाता है। फाइनल में उन्होंने थाइलेंड को 3-2 से शिकस्त दी।
भारतीय टीम के मैनेजर सुरिंदर महाजन ने कहा कि ये जीत बेहद स्पेशल है। हर मुकाबले में जो नारे लगते थे उसने प्लेयर्स में जोश बनाए रखा। जब भी शटलर्स अंक हासिल करते तो एक ही नारा लगाया जाता, भारत माता की जय। वहीं, जब सेट जीतते तो जय श्री राम के नारे से बैडमिंटन हॉल गूंज उठता। मैं इससे पहले कई बार टीम के साथ रहा हूं, लेकिन इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा। फाइनल मैच के बाद मलेशिया के भारतीय हाई कमिश्नर वहां आए और टीम के साथ फोटो खिंचवाने का आग्रह किया। उन्होंने भी पहले नारे लगाए और फिर फोटो खिंचवाए।
कोचेज भी लगे रहे साथ:
कोच गोपीचंद और मैनेजर सुरिंदर महाजन इस काम में हमेशा आगे रहे। महाजन ने कहा कि हर मैच से पहले प्लेयर्स राष्ट्रगान गाते और मैच के बाद भी राष्ट्रगान के बाद ही जश्न मनाया जाता। हर किसी का टारगेट गोल्ड मेडल था और उसे टीम ने हासिल किया। हर प्लेयर सपोर्ट कर रहा था और टीम भी बेहद अनुशासित थी। फाइनल वाले दिन सुबह से ही प्लेयर्स ने खाना नहीं खाया था, जब जीत मिली उसके बाद ही सभी ने शाम को खाना खाया। ये जीत हमेशा याद रखी जाएगी।