हाईकोर्ट ने राम रहीम की पैरोल पर सरकार को फटकारा

 

चंडीगढ़: पत्रकार की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण में सजा काट रहे डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कह दिया है कि भविष्य में कोर्ट से बिना पूछे और इजाजत मिले बिना राम रहीम को पैरोल न दी जाए। इस मामले में कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब भी माँगा है। साथ ही हाईकोर्ट ने राम रहीम को 10 मार्च को सरेंडर करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
दरअसल, राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलने पर हरियाणा सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। कई लोगों ने राम रहीम को पैरोल देने पर विरोध जताया है। लोगों का कहना है कि, हरियाणा सरकार की कृपा से ही यौन शोषण और मर्डर जैसे मामलों के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को बार-बार पैरोल मिल रही है।

जनवरी में दी गई 50 दिन की पैरोल
इसी साल 19 जनवरी को राम रहीम को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम सीधा उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा आश्रम के लिए रवाना हो गया था। दरअसल, जेल प्रशासन ने राम रहीम को शर्तों के साथ पैरोल दी थी। इसमें राम रहीम के लिए नियम तय किए गए थे। पैरोल के 50 दिन राम रहीम को बरनावा आश्रम में ही रहने को कहा गया था।

2017 से अब तक 9 बार पैरोल : राम रहीम को 2017 में सजा सुनाई गई थी और तब से अब तक उसे 9 बार पैरोल और फरलो मिल चुकी है। यानि पिछले चार साल में राम रहीम 9वीं बार जेल से बाहर आ चुका है। वहीं पिछले 24 महीनों में गुरमीत राम रहीम सात बार जेल से बाहर आया है। मालूम रहे कि, राम रहीम रोहतक जिले की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।

साध्वियों से यौन शोषण, दो मर्डर : बतादें कि, राम रहीम को एक नहीं तीन-तीन मामलों में में सजा मिली हुई है। सबसे पहले 2017 में राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और इसके बाद रणजीत सिंह हत्याकांड में फैसला आया। इसमें भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। तीनों ही मामलोँ में पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया।

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