चंडीगढ़ : सीएनजी (CNG) गाड़ी की देखभाल में बरती गई थोड़ी सी लापरवाही बड़े नुक्सान की वजह बन सकती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सीएनजी गाड़ियों में लगे सीएनजी सिलिंडर के बारे में। इन सिलिंडरों की समय पर जांच ज़रूरी है जिससे बड़े हादसे को टाला जा सकता है। CNG सिलिंडरों की हाइड्रो टेस्टिंग हर 3 साल में की जाती है। अगर गाडी ज़्यादा चलती है तो इसे दो साल में भी करवा सकते हैं। हाइड्रो टेस्टिंग के दौरान सिलिंडर के नोज़ल को खोलकर उसकी पूरी तरह सफाई की जाती है ताकि उसमे भरी गन्दगी गैस सप्लाई वाले पाइप को नुक्सान न पहुंचाए।इस सम्बन्ध में मोहाली स्थित लकी हाइड्रो टेस्टिंग सेंटर के मालिक जसवंत ने बताया कि हाइड्रो टेस्टिंग से गाड़ी की उम्र बढ़ जाती है क्योंकि सिलिंडर में जमा गन्दगी किट को नुक्सान पहुंचा सकती है। गाड़ी की एवरेज काम हो सकती है और सिलिंडर फैट भी सकता है। लेकिन टेस्टिंग के बाद सिलिंडर नए की तरह हो जाता है। उनके सेंटर में सिलिंडर की प्रेशर से सफाई की जाती है। इसके बाद एक प्लेट लगाई जाती है जो 3 साल के लिए मान्य होती है। इस टेस्टिंग में एक घंटे का समय लगता है।