चंडीगढ़: अभी तक इस आंदोलन से दूर चल रहे भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां) भी आंदोलन में कूद गई है। बीकेयू ने को रेलवे ट्रैक जाम करने का ऐलान कर दिया। इस संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि वीरवार दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलवे ट्रैक रोके जाएंगे। पंजाब में कहां-कहां रेलवे ट्रैक पर बैठेंगे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन कहा गया है कि सात जगहों पर किसान पटरियों पर बैठेंगे।
MSP पर कानून बनाने की मांग कर रहे हजारों किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे रहे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि चंडीगढ़ में वीरवार शाम किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, नित्यानंद राय के बीच बैठक होगी। दोनों पक्षों के बीच यह तीसरे दौर की बैठक होगी।
किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंकने पर पंजाब-हरियाणा आमने-सामने
किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंकने पर अब पंजाब और हरियाणा प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। पंजाब के अधिकारिओं का दावा है कि जिस इलाके में किसान डेट हैं वो पंजाब का है और हरियाणा पुलिस उनके इलाके में ड्रोन से गोले फेंक रही है, जो कि गलत है। बुधवार को पटियाला जिला के उपायुक्त ने अंबाला के डीसी को पत्र लिखकर पंजाब की सीमा में ड्रोन उड़ाने और आंसू गैस के गोले गिराने पर आपत्ति जताई है। पटियाला प्रशासन ने यह कार्रवाई तुरंत बंद करने के लिए कहा है। कहा कि पंजाब में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी है।
गौरतलब है कि किसान बैरिकेड्स तोड़कर अंबाला की सीमा में प्रवेश करना चाहते हैं जिसे हरियाणा पुलिस द्वारा रोका जा रहा है।
अधिकारियों के आमने-सामने आने के बाद मामले में दोनों राज्यों के मंत्री भी कूद गए। गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि अगर कोई हमारी पुलिस को मारकर भाग जाएगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। विज ने कहा कि किसानों के जत्थे जब अमृतसर से चले तो पंजाब सरकार ने इन्हें रास्ते में एक भी जगह भी रोकने की कोशिश नहीं की। इसका मतलब है कि यह दिल्ली को दहलाना चाहते हैं।
किसान और पुलिस आमने-सामने
बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा की सीमा पर लगे बैरिकेड्स तोड़ने की नए सिरे से कोशिश की। अंबाला के पास शंभू बॉर्डर और जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए दृढ़ हैं। कई किसानों ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स हटाने के लिए अपने ट्रैक्टर तैयार रखे हैं। उन्होंने आंसू गैस के असर को कम करने के लिए पानी के टैंकरों की भी व्यवस्था की है। किसानों के एक समूह ने 15 फरवरी को रेल रोको अभियान चलाने की बात कही।