- भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अफसरशाही और तानाशाही चरम पर
- मोदी-मनोहर के राज में तेजी से बढ़ा भ्रष्टाचार, 76 वें स्थान से 93 वें पर पहुंचे
चंडीगढ़।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार देश में भ्रष्टाचार मुक्त शासन और प्रशासन देने का दंभ भर रहा है तो दूसरी ओर देश में भ्रष्टाचार कम होने के बजाए बढ़ रहा है। विश्व के 180 भ्रष्ट देशों की सूची में आज भारत 93 वें पायदान पर खड़ा है जबकि 2015 में 76 वें स्थान पर था। सच तो यह है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार नासूर बनकर देश को खोखला कर रहा है। नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अधिकारियों (कुछ को छोडकर) पर सरकार का कोई अंकुश नहीं हैं। नरेंद्र मोदी और मनोहरलाल भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन का वायदा करके ही सत्ता में आए थे पर भ्रष्टाचार को खत्म करना तो दूर उसे पालपोश कर उसे और बढ़ावा दिया।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार एक ही दावा करते है कि न खाएंगे और न ही खाने देंगे। पर इसी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रहा है जो देश के लोगों की खुशियां लील रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन की ताजा रिपोर्ट में 180 देश की सूची में पहले स्थान पर डेनमार्क है जहां पर भ्रष्टाचार सबसे कम है जबकि भारत इस सूची में 93वें स्थान पर है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार के मामले में देश कहां खड़ा है। वर्ष 2022 में देश 85वें स्थान पर था। इससे साफ है कि भ्रष्टाचार कम होने के बजाए बढ़ रहा है। यानि एक ही साल में भ्रष्टाचार आठ प्रतिशत बढ़ गया जबकि भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन की बात करते हुए थक नहीं रही हैं। नरेंद्र मोदी और मनोहरलाल भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन का वायदा करके ही सत्ता में आए थे पर भ्रष्टाचार को खत्म करना तो दूर उसे पालपोश कर उसे और बढ़ावा दिया। विश्व के 180 भ्रष्ट देशों की सूची में आज भारत 93 वें पायदान पर खड़ा है जबकि 2015 में 76 वें स्थान पर था।
उन्होंने कहा कि देश में हालात बिगड़ रहे है, भ्रष्टाचार वर्तमान में एक नासूर बनकर समाज को खोखला करता जा रहा है। धर्म का नाम लेकर लोग अधर्म को बढ़ावा दे रहे हैं। धन-बल का प्रदर्शन, लूटपाट, तस्करी आदि आम बात हो गई है। भ्रष्टाचार का हमारे समाज और राष्ट्र में व्यापक रूप से असर हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज जनता अधिकारियों का न तो सम्मान करती है और न ही डरती है क्योंकि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी के बारे में नकारात्मक बातें कर लोग उसकी अवहेलना करने लगते हैं। उसके प्रति लोगों के मन में अविश्वास पैदा होता है। भ्रष्टाचार देश की आर्थिक प्रगति में सबसे बड़ी बाधा होता है। अब देश और प्रदेश की जनता ने भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सरकार से मुक्ति पाने का मन बना लिया है बस जनता चुनाव की प्रतीक्षा कर रही है।