चंडीगढ़, 18 जनवरी
अकाली दल के चुनाव चिन्ह की तुलना पहले सिख गुरु साहिब गुरु नानक देव जी के साथ करने बारे हरसिमरत कौर बादल के बयान पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी की चुप्पी पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सवाल उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हैरानी की बात है कि हरसिमरत बादल के ऐसे गैर-जिम्मेदाराना और बेबुनियाद बयानों से हर सिख के दिल पर ठेस पहुँची है, लेकिन शिरोमणि कमेटी इस मुद्दे पर चुप है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि धामी अकाली दल विशेष रूप से बादल परिवार के वफादार वॉलंटियर से ज्यादा कुछ नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिरोमणि कमेटी के प्रधान ने अपने आकाओं की सभी गलतियों पर आंखें बंद कर ली है, जिससे पूरे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत बादल का यह बयान माघी के मौके पर आया है, लेकिन इस पूरे मामले पर धामी की चुप्पी ने पुष्टि कर दी है कि शिरोमणि कमेटी प्रधान बादलों की हाथों की कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यह इतना बुरा है कि बादल परिवार की कार्यवाही सिख मर्यादा के विपरीत होने के बावजूद शिरोमणि कमेटी प्रधान को उनमें कुछ भी गलत नहीं दिखता। भगवंत सिंह मान ने शिरोमणि कमेटी प्रधान को चेतावनी दी कि सिख संगत उन्हें अपने आकाओं को खुश करने की नीति के लिए माफ नहीं करेगी और उन्हें करारा सबक सिखाएगी।
मुख्यमंत्री ने धामी को चुनौती दी है कि वह मीडिया के सामने आए और अपने आकाओं और अकाली दल का हरकतों से बचाव करे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिरोमणि कमेटी पहले भी मुख्यमंत्री पर सिखों के धार्मिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाती रही है, लेकिन लोग अच्छी तरह जानते है कि शिरोमणि कमेटी और उसके प्रधान अकाली दल के हाथों की कठपुतली बनकर काम कर रहे है।