पंजाब में ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ की शुरुआत, हादसों में घायल लोगों की जान बचाना उद्देश्य

सालाना 3000 लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से किया गठन
जालंधर: राज्य में सडक़ हादसे में कमी कर सालाना 3000 लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को देश की पहली ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ के 144 हाई-टैक वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
पी.ए.पी. ग्राउंड में इस फोर्स की शुरुआत करने के लिए आयोजित किए गए समारोह के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लिए आज यह ऐतिहासिक पल है, क्योंकि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित फोर्स की शुरुआत करने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया है, जिससे लोगों की जान बचाई जा सकेगी। सीएम ने कहा कि संसद मैंबर के तौर पर उन्होंने लोक सभा में सडक़ हादसों का मुद्दा ज़ोरदार ढंग से उठाया था, क्योंकि इन हादसों के कारण राज्य में रोज़ाना 12 मौतें होती थीं। तब से ही उनके मन में यह सोच थी कि जब भी राज्य की सेवा करने का अवसर मिला तो लोगों की जान बचाने के लिए समर्पित फोर्स बनाई जाएगी और अब उनका यह सपना साकार हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स के गठन से पुलिस के जवान अपनी पुलिस ड्यूटी को और अधिक प्रभावशाली ढंग से निभा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जो वाहन इस फोर्स को दिए गए हैं, वह वाहन दुनिया भर के सबसे बढिय़ा वाहनों में से एक हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फोर्स का गठन सडक़ हादसों के सम्बन्ध में पंजाब को सबसे सुरक्षित राज्य बनाने की तरफ उपयुक्त कदम है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य और यहाँ के लोगों की भलाई के लिए सार्वजनिक हित में यह मनोरथ प्राप्त किया जाएगा। एस.एस.एफ. के स्टाफ को भी लोगों की कीमती जानें बचाने के लिए अपनी ड्यूटी और अधिक ईमानदारी और समर्पित भावना से निभाने के लिए कहा।

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करे पर सख्त सजा : मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राइविंग लाइसैंसों के लिए भी प्वाइंट्स की व्यवस्था की जाएगी, जिससे आने वाले समय में बार-बार उल्लंघन करने वालों को उनके ड्राइविंग लायसेंस रद्द करके सजा दी जा सके। उन्होंने कहा कि यह समय की ज़रूरत है कि लोग ट्रैफिक़ नियमों की पालना करने के साथ-साथ वाहनों की यातायात को सुचारू बनाया जाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही गर्व और संतुष्टी की बात है कि बड़ी संख्या में लड़कियाँ पुलिस फोर्स में शामिल हो रही हैं और एस.एस.एफ. के वाहनों के 90 चालक भी लड़कियाँ हैं।

144 अति-आधुनिक वाहन : सडक़ सुरक्षा फोर्स को सडक़ों की कुशलता से निगरानी करने के लिए पहले पड़ाव में 144 अति-आधुनिक वाहन दिए गए हैं। इन वाहनों में 116 टोयोटा हिलक्स और 28 महेन्द्रा स्कॉरपीयो शामिल हैं और सडक़ों की निगरानी के लिए यह वाहन हर 30 किलोमीटर के फासले के साथ तैनात किए जाएंगे। इन वाहनों में चार पुलिस कर्मचारियों की टीम होगी, जिसका नेतृत्व पैट्रोलिंग इंचार्ज के तौर पर ए.एस.आई. या उससे उच्च रैंक का अधिकारी करेगा। हर जिले में रोड इंटरसेप्टर तैनात किए जाएंगे, जिनकी निगरानी तीन पुलिस कर्मचारी करेंगे। एस.एस.एफ. के पहले पड़ाव में 1296 नए भर्ती पुलिस कर्मचारियों और मौजूदा 432 कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। यह टीमें आठ घंटे की शिफ्ट के मुताबिक 24 घंटे तैनात रहेंगी, जिस सम्बन्धी उनको पुलिस प्रशिक्षण अकैडमी, कपूरथला में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

इमरजेंसी में मेडिकल सुविधा भी देगी एसएसएफ : मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी किस्म की पहली विशेष फोर्स पंजाब में रोज़ाना के सडक़ हादसों में जा रही कई कीमती जानों को बचाने के लिए सहायक होगी। उन्होंने बताया कि इन वाहनों में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को इमरजैंसी इलाज मुहैया करवाने के लिए पूरी मेडिकल किट भी होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को समय पर अपेक्षित डॉक्टरी सहायता मिलने को सुनिश्चित बनाने के लिए फोर्स को ट्रॉमा सैंटरों के साथ जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने एस.एस.एफ के पहले पड़ाव के रोडमैप की भी शुरुआत की, जिसके आधार पर वाहन राज्य में सक्रिय रहेंगे।

ट्रैफिक़ नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए यह वाहन स्पीड गन, अल्कोमीटर, ई-चालान मशीनें और ए.आई. अधारित स्मार्ट प्रणाली जैसे अति-आधुनिक उपकरणों से लैस हैं। उनके पास कमांड एंड कंट्रोल सैंटर के साथ-साथ रीयल-टाईम सी.सी.टी.वी. कैमरों वाली रिक्वरी वैन भी होगी। इसके साथ ही सडक़ हादसों की जांच और तकनीकी काम संभालने के लिए मकैनिकल इंजीनियर, सिविल इंजीनियर और आई.टी. माहिर भी होंगे।
इस मौके पर पुलिस के डायरैक्टर जनरल गौरव यादव, गृह सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह, पुलिस के अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल एम.एफ. फारूकी और ए.एस. राय भी मौजूद थे।

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