चंडीगढ़
चंडीगढ़ के नव नियुक्त मेयर कुलदीप कुमार ने कार्यभार संभाला लिया है. कुलदीप कुमार ने कहा कि कहीं न कहीं मुझे उम्मीद थी कि कोर्ट से न्याय मिलेगा, हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा. अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा और उसके मुताबिक काम शुरू करूंगा. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुलदीप कुमार का पद मिला है. कोर्ट के फैसले के बाद कुलदीप कुमार ने कहा था कि सच को परेशान किया जा सकता है लेकिन दबाया नहीं जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए ऐतिहासक फैसला लिया है.
30 जनवरी को हुआ था मतदान
बता दें कि इंडिया गठबंधन की तरफ से कुलदीप कुमार को मेयर प्रत्याशी के तौर पर उतारा गया था. 30 जनवरी को हुए मतदान में बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर को जहां 12 वोट मिले तो वहीं कुलदीप कुमार 12 वोट मिले थे. रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह कुलदीप कुमार के पक्ष में पड़े 8 वोटों को अवैध घोषित कर दिया था. जिसको लेकर आम आदमी पार्टी ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया. कोर्ट से नए सिरे से चुनाव कराने का आग्रह किया. लेकिन हाईकोर्ट ने 31 जनवरी को फैसला सुनाते हुए अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया.
हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत तो सुप्रीम कोर्ट पहुंची आप
हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए आम आदमी पार्टी प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया. 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह के आचरण पर संज्ञान लेते हुए मतपत्रों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया. जिसके बाद 18 फरवरी को बीजेपी प्रत्याशी मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ महापौर पद से इस्तीफा दिया और आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह से कड़े सवाल पूछे. उनसे कहा कि आप बार-बार सीसीटीवी कैमरा क्यों देख रहे थे. मामले को लेकर 20 फरवरी को फिर सुनवाई की गई और संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए परिणाम को पलट दिया और कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया