और आहिस्ता कीजिये बातें… सुनिए पंकज उधास की खूबसूरत ग़ज़ल

नहीं रहे पद्मश्री पंकज उधास, लम्बी बीमारी के बाद निधन

मुंबई: मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है. पद्मश्री पंकज उधास लंबे समय से बीमार थे. 72 साल के उधास ने सोमवार सुबह अंतिम सांस ली. उनकी बेटी नायाब उधास ने इसकी जानकारी दी.
नयाब ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, ‘बहुत भारी मन से, हम आपको पद्मश्री पंकज उधास के 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण दुखद निधन होने की सूचना दे रहे हैं.” पंकज उधास लंबे समय से बीमार थे, 10 दिन पहले उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां सुबह 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.
पंकज उधास ‘चिट्ठी आई है’ और ‘जिएं तो जिएं कैसे’ जैसे कई मशहूर गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने ‘नाम’, ‘साजन’ और ‘मोहरा’ सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज उधास के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनकी गायकी कई तरह की भावनाओं को व्यक्त करती थी और जिनकी ग़ज़लें सीधे आत्मा को छूती थीं. वो भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं. मुझे पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीतें याद हैं. उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है, जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.”
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पंकज उधास जी ने अपनी मधुर आवाज से कई पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध किया. उनकी ग़ज़लों और गीतों ने हर उम्र और वर्ग के लोगों के दिलों को छुआ. आज उनके चले जाने से संगीत की दुनिया में एक बड़ी रिक्तता आई है, जिसे लम्बे समय तक भर पाना मुश्किल है. वे अपने गीतों और ग़ज़लों के माध्यम से सदैव हमारे बीच रहेंगे. मैं शोकाकुल परिजनों और उनके प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें. ॐ शांति शांति”

पंकज उधास मूल रूप से गुजरात के निवासी थे। पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात में राजकोट के पास चारखड़ी-जैतपुर में एक ज़मींदार चारण परिवार में हुआ था। पंकज तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके सबसे बड़े भाई मनहर उधास ने बॉलीवुड में हिंदी पार्श्व गायक के रूप में सफलता प्राप्त की थी। उनके दूसरे बड़े भाई निर्मल उधास भी एक प्रसिद्ध गज़ल गायक रहे।

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