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– ए.आई. और एम.एल. लैब पुलिस को आपराधिक गतिविधियों का पता लगाने, आपराधिक व्यवहार को समझने में मदद करेगी: डीजीपी गौरव यादव
चंडीगढ़: राज्य में पंजाब पुलिस के काम को अधिक आधुनिक और नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलीजैंस (ए.आई.) तकनीको से लैस करने की दिशा में पहला कदम उठाते हुए, पंजाब पुलिस ने अपनी तरह का पहला इन-हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) और मशीन लर्निंग (एम.एल.) लैब स्थापित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) रोपड़ के साथ एक एम.ओ.यू. (समझौता) किया है। यह जानकारी पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने बुधवार को यहां दी।
यह एम.ओ.यू एडीजीपी तकनीकी सेवाएं, पंजाब राम सिंह और आई.आई.टी. रोपड़ के डायरैक्टर प्रोफेसर राजीव आहूजा ने डीजीपी, पंजाब गौरव यादव की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इसी बीच एस.पी टैक्निकल सर्विसेज़ पंजाब, संदीप कौर संधू और आई.आई.टी. रोपड़ के सहायक प्रोफेसर डा. संतोष कुमार विपार्थी भी उपस्थित थे।
डीजीपी गौरव यादव ने पंजाब पुलिस को आधुनिक बनाने में पूर्ण सहयोग के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सहयोग न केवल विभिन्न तकनीकी अविष्कारों का मार्ग साफ करेगा, बल्कि भविष्योन्मुखी पुलिसिंग, अपराध की जड़ तक जाकर उसका अध्ययन भी करेगा। फेशियल रिकोगनाईजेशन और इंटेलीजैंस डिसीजन मेकिंग लेने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करने में भी मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि जहां ए.आई. बड़े पैमाने पर डेटा में पैटर्न और रुझानों की पहचान करके पुलिस को आपराधिक गतिविधियों और धोखाधड़ी का पता लगाने में मदद मिल सकती है, जबकि एम.एल एल्गोरिदम आपराधिक व्यवहार को समझने और उसके अनुसार स्त्रोतों की बांट करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला रियल टाईम डेटा के आधार पर जनशक्ति तैनाती को अनुकूलित करने में भी मदद करेगी।
इस संबंध में अधिक जानकारी सांझा करते हुए ए.डी.जी.पी. राम सिंह ने कहा कि मौजूदा दौर में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजैंस में तेजी से हो रही प्रगति कानून इनफोर्समैंट एजेंसियों के काम करने के तरीके को बदलने की क्षमता रखती है।
उन्होंने कहा कि यहल अत्याधुनिक टैक्नालाजी का लाभ उठाने के लक्ष्य के साथ शुरू किए लक्षयों के तौर पर चलाई गई है। कानून लागू करने की क्षमताओं को बढ़ाने, सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करने और एआई-संचालित सुरक्षा समाधानों में अविष्कारों को बढ़ावा देने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह पहल पूरे पंजाब में कानून प्रवर्तन प्रथाओं में क्रांति लाने और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए एम.एल. और ए.आई. में प्रगति की वचनबद्धता को दर्शाती है।
विशेष रूप से, यह लैब रिपोर्ट और कागजी कार्रवाई के स्वचालन के परिणामस्वरूप अधिकारियों और प्रशासकीय कर्मचारियों के समय की बचत सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एआई-संचालित डैशबोर्ड कानून लागू करने वाली एजेंसियों को रीयल टाईम विश्लेषण ,चल रहे संचालन और घटनाओं की अंतर्दृष्टि संबंधी जागरूकता में सुधार कर सकते है।