मैरी कॉम का बॉक्सिंग से संन्यास, 6 बार रही वर्ल्ड चैंपियन

नई दिल्ली: 6 बार की विश्व चैंपियन और 2012 ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम ने बुधवार को मुक्केबाजी से संन्यास लेने की घोषणा की। 41 वर्षीय कॉम ने हालांकि स्वीकार किया कि उन्हें अभी भी एलीट लेवल पर खेलने की भूख है, लेकिन एज लिमिटेशन की वजह से उन्हें रिटायर होना पड़ रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के नियमों के अनुसार, मैरी कॉम नवंबर 2023 में 41 वर्ष की हो गई थी और 40 या उससे अधिक उम्र के एथलीटों को पेशेवर मुक्केबाजी टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं है। मैरी कॉम ने कहा, ‘अगर मैं दिल से कहूं, तो मैं अभी भी कुछ करने के लिए भूखी हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं अभी भी कम्पीट करना और देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं। लेकिन मैं इस साल एज लिमिटेशन की वजह से कम्पीट नहीं कर पा रही हूं। उन्होंने कहा कि वे प्रोफेशनल मुक्केबाजी में भाग ले सकती।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं अभी भी मुक्केबाजी से संबंधित कुछ करने की कोशिश करूंगी। मैं प्रो (प्रोफेशनल) के पास जा सकती हूं लेकिन अभी तक नहीं जानती कि मैं क्या करूंगी। मेरे पास अभी भी एक से दो साल या चार साल खेलने की क्षमता है। मैं इस साल एज लिमिटेशन की वजह से कम्पीट नहीं कर सकी, मैं बहुत सारी प्रतियोगिताओं से चूक गई। मुझे एक बड़ी चोट लगी थी, एसीएल हुआ था और उससे रिकवर होने के बाद, मैं कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप जैसी कई प्रतियोगिताओं से चूक गई थी।


6 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली अकेली मुक्केबाज़ : वह 6 विश्व खिताब जीतने वाली एकमात्र महिला मुक्केबाज हैं और विश्व चैंपियनशिप में 8 पदक जीतने वाली एकमात्र एथलीट, पुरुष या महिला दोनों में। कॉम एशियाई खेलों (2014) में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली मुक्केबाज हैं और राष्ट्रमंडल खेलों (2018) में भी स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली हैं। मैरी कॉम की सबसे बड़ी उपलब्धि 2012 में आई जब उन्होंने ओलिंपिक में पहला मुक्केबाजी मेडल जीता था। कॉम ने 2012 के लंदन ओलिंपिक में 51 किग्रा वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

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